ओड़िया सिनेमा के दिग्गज अभिनेता Uttam Mohanty का गुरुवार रात निधन हो गया। वह लिवर संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे और उनका इलाज गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में चल रहा था।
शूटिंग के दौरान बिगड़ी तबीयत
Uttam Mohanty, जो 66 वर्ष के थे, इस महीने की शुरुआत में अपनी ओड़िया फिल्म “Bou Butu Bhoota” की शूटिंग के दौरान अस्वस्थ महसूस करने लगे। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद, 5 फरवरी को उन्हें भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें लिवर सिरोसिस से पीड़ित पाया।
हालात गंभीर होते देख, उन्हें 8 फरवरी को उन्नत उपचार के लिए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में एयरलिफ्ट किया गया। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद, वह लिवर सिरोसिस से उत्पन्न जटिलताओं से उबर नहीं सके और गुरुवार रात उनका निधन हो गया।
परिवार में पत्नी और बेटा
अपने पीछे वह पत्नी अपराजिता Uttam Mohanty और बेटे बाबूषाण मोहंती को छोड़ गए हैं। उनकी पत्नी और बेटा दोनों ही ओड़िया फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं, और बाबूषाण वर्तमान में ओड़िया फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक हैं।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने जताया शोक
ओड़िशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अभिनेता के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा—
“उत्तम मोहंती का निधन ओड़िया कला और सिनेमा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने ओड़िया फिल्म इंडस्ट्री को जो योगदान दिया है, वह हमेशा दर्शकों के दिलों में ज़िंदा रहेगा।”
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और इसे ओड़िया सिनेमा के लिए बड़ी क्षति बताया।
भुवनेश्वर में होगा अंतिम संस्कार
Uttam Mohanty पार्थिव शरीर शुक्रवार को भुवनेश्वर लाया जाएगा, जहाँ उसे चार घंटे तक उनके निवास स्थान पर रखा जाएगा, ताकि प्रशंसक और शुभचिंतक उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें। इसके बाद सत्यानगर श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
ओड़िया सिनेमा में शानदार करियर
23 दिसंबर 1958 को मयूरभंज जिले के बारिपदा में जन्मे उत्तम मोहंती ने 1976 में फिल्म “अभिमान” के जरिए अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। उस समय वह लुधियाना में चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन उनकी पहली ही फिल्म हिट हो गई। इसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़कर अभिनय को अपना करियर बना लिया।
इसके बाद उन्होंने निज़ुम रातिर साथी (1979), फूला चंदना (1982), दंड बलुंगा (1984) जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में अभिनय किया। अपने करियर में उन्होंने 100 से अधिक ओड़िया फिल्मों और 30 बंगाली फिल्मों में काम किया।
हिंदी सिनेमा में भी किया काम
उत्तम Uttam Mohanty ने सिर्फ ओड़िया और बंगाली फिल्मों तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने हिंदी फिल्म “नया ज़हर” में भी अभिनय किया, जो भारत की पहली फीचर फिल्म थी जो HIV जैसी गंभीर समस्या पर केंद्रित थी।
ओड़िया सिनेमा के बेताज बादशाह
फिल्म समीक्षक सूर्य देव ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा—
“Uttam Mohanty 1980 और 1990 के दशक के सुपरस्टार थे, जब ओड़िया सिनेमा उनकी लोकप्रियता के दम पर चलता था। उन्हें किसी चमक-धमक की ज़रूरत नहीं थी—बस एक कहानी, एक गाना और दर्शकों का प्यार काफी था। निर्देशक उनके अभिनय की बहुमुखी प्रतिभा पर भरोसा करते थे, और उन्होंने दिल टूटे प्रेमी, विद्रोही बेटे, और खुशमिज़ाज इंसान जैसे कई यादगार किरदार निभाए।”
सम्मान और पुरस्कार
Uttam Mohanty ओड़िशा राज्य फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार लगातार तीन वर्षों (1982-1984) तक जीतने वाले एकमात्र ओड़िया अभिनेता थे। 1999 में उन्हें ओड़िशा के सर्वोच्च फिल्म पुरस्कार “जयदेव पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, 2012 में उन्हें “ओड़िशा लिविंग लिजेंड अवॉर्ड” से भी नवाज़ा गया।
पारिवारिक जीवन और अपराजिता के साथ जोड़ी
1987 में उन्होंने अपनी सह-अभिनेत्री अपराजिता Uttam Mohanty से शादी की। यह जोड़ी ओड़िया सिनेमा की सबसे चर्चित और लोकप्रिय जोड़ियों में से एक रही। उनके बेटे बाबूषाण मोहंती आज के दौर में ओड़िया फिल्म इंडस्ट्री के सबसे सफल अभिनेताओं में से एक हैं।
निधन से ओड़िया सिनेमा में शोक की लहर
उत्तम मोहंती के निधन की खबर से पूरी ओड़िया फिल्म इंडस्ट्री सदमे में है। उनके प्रशंसक और साथी कलाकार उन्हें एक प्रतिभाशाली और सादगी पसंद अभिनेता के रूप में याद कर रहे हैं।
उनका निधन ओड़िया सिनेमा के एक सुनहरे युग का अंत माना जा रहा है, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए किरदार और उनकी फिल्में हमेशा उन्हें जीवित रखेंगी।
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